Further , in the concurrent sphere , in the event of any repugnancy between a Union and a State law relating to the same subject , the former prevails . इसके अतिरिक़्त , समवर्ती सूची में , एक ही विषय के संबंध में संघ के और राज़्य के विधान में टकराव होने Zकी स्थिति में , संघ का विधान मान्य होता है , दूसरे शब्दों में , इस संबंध में संघ के विधान का स्थान पहला हैं .
2.
Further , in the concurrent sphere , in the event of any repugnancy between a Union and a State law relating to the same subject , the former prevails . इसके अतिरिक़्त , समवर्ती सूची में , एक ही विषय के संबंध में संघ के और राज़्य के विधान में टकराव होने Zकी स्थिति में , संघ का विधान मान्य होता है , दूसरे शब्दों में , इस संबंध में संघ के विधान का स्थान पहला हैं .